Tuesday, 18 March 2014

समय में और समय में नहीं ....

मैं अपने समय में हूँ
मैं इतना स्वतन्त्र हूँ कि
अपने हिस्से के समय को जी सकता हूँ !
लेकिन 'माफ़ कीजिएगा'-मैं अपने प्रति
पुरे सम्मान और सहानुभूति के साथ
आपका अपने समय में न होने का
शोक-गीत लिखना चाहता हूँ !

आपकी तरह मैं भी बीते हुए कल की संतान हूँ
लेकिन आप तो बीता हुआ कल ही हैं
मेरे
समय में और समय में नहीं
 समय के जीवित अतीत !