डॉ.दीपा सिंह
अभी -अभी हमारे राष्ट्र नें अपना ६७ वां राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मनाया है। १९५० में आज ही के दिन १९४७ में अंग्रेजों की अधीनता से मुक्त होने के लगभग तीन वर्ष बाद हमारे देश नें अपना नया संविधान अंगीकार या आत्मार्पित किया था। २६ जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि १९३० में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। २६ नवम्बर १९४९ को भारतीय संविधान सभा द्वारा इस संविधान को अपनाये जाने के बाद २६ जनवरी १९५० को इसे एक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के साथ राष्ट्र पर लागू किया गया था। संविधान का पहला ही वाक्य है 'हम भारत के लोग.'
हम जितने भी पर्व या उत्सव मानते हैं ,उनमें अधिकांश पुराने ज़माने के हैं ,जिन्हे अलग-अलग जाति -धर्म के लोगों ने अपनी जाती या धर्म के लोगों पर लागू किया था। प्रायः देखा जाता है कि लोग जितने मन से अपने धार्मिक पर्व मानते हैं ,उतने मनोयोग से अपने राष्ट्रीय पर्वों को नहीं मनाते। यह अच्छी बात नहीं है।
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